एहसास के दरीचे से…
खूबसूरत सा वो जाफ़रानी गोला धरा को चूम जैसे ही विदा लेने आता है वृक्षों के झुंड तले टिमटिमाने लगते
Read Moreखूबसूरत सा वो जाफ़रानी गोला धरा को चूम जैसे ही विदा लेने आता है वृक्षों के झुंड तले टिमटिमाने लगते
Read Moreहे गंगा मैया , तुझे प्रणाम ! देश – विदेश से लोग हैं आते सुन – सुन तेरा नाम पावन
Read Moreजितना भूलने की कोशिश करता हूँ उतना ही अपनी यादों में पाता हूँ बता क्या करूं..कैसे जियूँ मैं तो तेरी
Read Moreजीवन जीते हैं सभी, कुछ होते अनमोल वही तराना लय वही, रख देते दिल खोल रख देते दिल खोल, झूम
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