“कुंडलिया”
बर्फ़ीले पर्वत धरें, चादर चाह सफ़ेद लाल तिरंगा ले खड़ा, भारत किला अभेद भारत किला अभेद, हरा केसरिया झंडा शुभ्र
Read Moreबर्फ़ीले पर्वत धरें, चादर चाह सफ़ेद लाल तिरंगा ले खड़ा, भारत किला अभेद भारत किला अभेद, हरा केसरिया झंडा शुभ्र
Read Moreआहिस् से आते कंपकंपाते हाथों को देखकर सोचा कि इक गीत लिखूँ झुर्रियों से सराबोर उसका शरीर देख,सूती धोती जनेऊ
Read Moreअच्छा लगता है….. सुबह सबेरे ग्रीन चाय का एक प्याला और रात की खुमारी ओढ़े हुए ढ़ेर सारी बातें करना,
Read Moreहोते है जो मतलब के, वे रिश्ते पिसते रहते है, घावों से ज्यों रक्त निकलता, वैसे रिसते रहते है। जीवन
Read Moreखिड़की सदा के लिए बंद हो गई है वह अब बाहर नहीं झाँकती ताज़े हवा से नाता टूट गया सूरज
Read Moreख़ौल रहा है खून हमारा, दी वीरो ने कुर्बानी । क्यों चुप बैठे नेता सारे, तुम्ही करो कुछ तूफ़ानी ।।
Read More