पुकार
एक बार तो मुझे आने दो माँ मुझको भी जी लेने दो माँ जीवन को सँवार लेने दो माँ कभी
Read Moreइससे पहले कि मैं बुझ जाती मेरी आखिरी लौ को अपनी हथेलियों में छुपा लिया था तुमने… और शायद वही
Read Moreमुझ पर हैं महाकाल कृपा महाकाल ने मुझें बचाया हैं पहुँच गया काल के मुँह में काल के मुँह से
Read Moreकटते बाग उजड़ती धरती रूठता मेघ॥-1 लगाओ पेड़ जिलाओ तो जीवन बरसे मेह॥-2 बरसों मेघा पवन पुरवाई धरा तृप्त हो॥-3
Read Moreकभी-कभी मन सोचता है कि कहीं धरा और अम्बर की चिर से अनादि काल तक की पावन प्रेम कथा दूरियों
Read Moreबंद खिड़कियाँ,दरवाजे परदे नींद में ऊंगते दीवाल पर टिकी मूर्ति तुम्हारी कैसे लाँघोगी देहरी दुर्गम राहें कठिनता हरदम चारों ओर
Read Moreसूरज की किरणों के स्पर्श से खारे पानी की बूंदे, शुद्ध जल बन जाती हैं, सावन की बूंदो से, मिट्टी
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