कविता : छूट गयी सजीवता
अँधेरे में झलकती लाइट गाड़ियों की तार की केसरिया, लाल रंगों में, थक जाती है नज़र भी। कोलाहल-सा चारों ओर;
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Read Moreसिगरेट स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं फिर भी पीते हैं धुँआ उठाते हैं वो भाई मौत से किसे डर लगता
Read Moreशब्द/शीर्षक मुक्तक आयोजन शब्द- उपाय – युक्ति, साधन, तरकीब, तदबीर, यत्न, प्रयत्न उपाय तो बहुते हैं, करो युक्ति मन लाय
Read Moreदूर सियाचिन के ग्लेशियरों से जब भी आती थी फौजी दोस्त की चिठ्ठियाँ मीलों के फासलों के दरम्याँ भी ख़त
Read Moreसब लोगों के दिल में बस जायेंगे हम ऐसा होगा हमारा जीवन, ऐसा दिन आयेगा जब बनके सूरज हम दुनिया
Read More1 म्हा दृशा अंकुशा स्व तराशा चित्त तलाशा तन्हा पीड़ा नाशा मैं मिटा हम हुआ 2 ही स्पर्शा वागीशा प्राप्तयाशा
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