नव वर्ष का पर्व
समय के पंख लगा, एक और वर्ष क्षितिज में समाया है, और हम कर रहे समीक्षा, हमने क्या खोया क्या
Read Moreसमय के पंख लगा, एक और वर्ष क्षितिज में समाया है, और हम कर रहे समीक्षा, हमने क्या खोया क्या
Read Moreपहले जैसा कुछ भी नहीं अब देखो कितना बदलाव है, देखो इंसान बदल रहा अब बदल रहा संसार है, देखो
Read Moreक्या हुआ जो हमारी बात नही होती बिन बोले भी मेरी जुबान पे सिर्फ तुम्ही तो रहते हो ये आँखे
Read Moreनैनो के पिटारे में**** नैनों के पिटारे में कैद कर रखे है कितने ही अरमान कितने ही अहसास कितनी ही
Read Moreरुठ जाती हूं तुझसे मैं तुझी को मनाने के लिए,.. दूर जाती हूं तुझसे जराऔर पास आने के लिए,.. तुझे
Read Moreअच्छा लगता है जब कोई मेरी वजह से खुश होता,… सब कहते हैं मैं सबका कहा सुनती हूं मानती हूं,..
Read Moreमैं बेटी हूँ फिर भी मैं अकेली हूँ मैं सबकुछ नहीं कर सकती क्योंकि मैं बंधन में बंधी हूँ किसी
Read Moreमन कहता काला करूँ, काले धन की बात पर कितना काला करूँ, किससे किससे घात किससे किससे घात, कहाँ
Read Moreमैं हूँ एक नन्ही कली जरा मुझको तू खिलने देना, होगा तेरा उपकार बड़ा मुझे इस दुनिया से मिलने देना,
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