मेरी कहानी -14
पीपलों की बात मैं पहले ही लिख चुका हूँ कि यह पीपलों की जगह एक बहुत ही अच्छी जगह थी
Read Moreपीपलों की बात मैं पहले ही लिख चुका हूँ कि यह पीपलों की जगह एक बहुत ही अच्छी जगह थी
Read Moreकौन सी घटना, किस कक्षा के समय में हुई यह तो पूरा याद नहीं, लेकिन बहुत घटनाएं हुई जो हर एक
Read Moreस्कूल हम रोज़ाना जाते थे और स्कूल खुलते ही स्कूल की एक खुली जगह पर एकत्र हो जाते। हर क्लास
Read Moreएक बात मुझ में ऐसी रही है कि दादा जी, मेरी माँ या बड़े भाई जो भी कहें मैंने कभी इंकार
Read Moreमेरे मित्र प्रकाश कुमार मिश्रा, आप कहाँ हो? आज अंतर्जाल की सिमटती दुनियां में नित्य नए मित्र बनते है, बिछुड़ते
Read Moreबचपन से सुनती आई हूँ …. कभी खुद की आँखों से देखी नहीं …… लेकिन बात सही होने का ,
Read Moreमेरी बहन मुझ से तीन वर्ष बड़ी थी और क्योंकि लड़किओं के लिए स्कूल होता नहीं था तो उसने घर में रहकर
Read Moreएक दिन दादा जी मुझे कहने लगे, “गेली! कल को फगवारे शहर जाना है , तेरे लिए नए कपडे लेने
Read Moreइन पीपलों के नज़दीक जो खूही थी वह मुसलमानों की थी। कभी कभी वे कोई त्योहार मनाते और गुड़ वाले
Read More