लघुकथा : भूमिका
“आज तो तुम बहुत खुश होगी. माँ-बाबूजी गाँव लौट रहे हैं! “पर क्यों”? “गुनाह करके मासूमियत से पूछ रही. क्यों”?
Read More“आज तो तुम बहुत खुश होगी. माँ-बाबूजी गाँव लौट रहे हैं! “पर क्यों”? “गुनाह करके मासूमियत से पूछ रही. क्यों”?
Read Moreशादी के बाद दूल्हा दुल्हन स्टेज पर बैठे हुए थे सभी लोग उन दोनों को और उनके माता पिता को
Read Moreदीपक के साथ हुए झगड़े में संध्या ने घर छोड़ने का फैसला कर लिया । वह जरुरी सामान बैग में
Read Moreअभी अभी सुना कि एक और हृदयविशालिता की देवी बिछलाकर अपने ही आँगन में गिर गई। टूट गई उसकी वो
Read More#लघुकथा_प्रवृत्ति आज पाचवीं बार विद्यालय की गिरी हुई कोट (खेल मैदान की दीवार) को दीर्धविश्रांति में वह ठीक कर रहा
Read Moreआज सतीश ने जीवन में पहली बार शराब पी थी और बूढ़ा सतीश शराब के नशे में पलंग पर लेटे-लेटे
Read Moreचेतना आज बहुत खुश है, परन्तु उसका दिमाग़ भी ख़लबली मचाए हुए है| लगभग बाईस वर्षों बाद उसके सास-ससुर उसके
Read More“आप अपनी माँ को समझाते क्यों नहीं ,बुढा़पे में भी मियां बीवी प्रेमी युगल की तरह घूमने का कार्यक्रम बना
Read Moreदेर रात फोन करके पूछा -“ क्या कर रही हो जिज्जी ”? पार्वती ने जवाब दिया -“ बखरी में खटोली
Read More