लघुकथा- स्वीकृति
“खुशखबरी कब देने वाली हो?” सह अध्यापिका ने कौशल से पूछा.“खुशखबरी! कैसे हो सकती है खुशखबरी!”“वो क्यों भला!”“अब देख न,
Read More“खुशखबरी कब देने वाली हो?” सह अध्यापिका ने कौशल से पूछा.“खुशखबरी! कैसे हो सकती है खुशखबरी!”“वो क्यों भला!”“अब देख न,
Read Moreरोहित अपनी मम्मी नेहा से बोला “आपको उन लोगों के सामने हिंदी बोलने की क्या जररूत थी आपने मेरी उनके
Read Moreटेढ़ी ऊंगली उनकी गिनती राज्य के तेज़तर्रार युवा आई.ए.एस. अफसरों में होती थी। कुछ साल पहले की ही बात है।
Read Moreगुरु दक्षिणा अर्जुन सहित लगभग सभी लोग यही मानकर चल रहे थे कि विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग व्याख्याता के रिक्त एकमात्र
Read More“सर, मैं रोहित बोल रहा हूं.”“सब खैरियत तो है न! इतनी देर रात गए फोन कर रहे हो?”“सर एक ख़ास
Read More“कितना खूबसूरत पल था वह सम्मान से सम्मानित होना!” सर्वश्रेष्ठ कवयित्री के रूप में सम्मानित होकर टैक्सी में घर लौटती
Read Moreचित्रकार ने रमणी का रमणीय चित्र बनाया और उसकी खूबसूरती को निहारने लगा.अकस्मात सुंदर नारी की दोनों आंखों से एक-एक
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