लघुकथा – स्वेटर
रोमा जब से शादी होकर आई है तब से हर सर्दी में अपने पति रोहण को इन्हीं दो स्वेटरों में
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Read More” बेटा , कथरीसाज आया है । पुरानी साड़ियाँ जो निकाली थीं लेकर आना जरा।” मेरी माँ बुला रहीं थी
Read Moreरात का एक बजा है और वह रसोईघर में ही बैठी है। पहले कुछ देर पढ़ती रही फिर फोन की
Read Moreअत्यंत शोकग्रस्त होते हुए भी तीन दिन से वह पंछियों का पानी बदलकर दाना डालती, पर दाना-पानी वैसे का वैसा
Read Moreशर्मा जी! हमें और हमारे बेटे राहुल को आपकी बेटी नेहा पहली नजर में ही पसंद आ गई। इस बारे
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