आजादी भाग –१८
राहुल बंद कमरे में पड़ा बड़ी देर तक अपने ख्याली घोड़े दौडाते रहा लेकिन उसके ख्याली घोड़े किसी मंजिल तक
Read Moreराहुल बंद कमरे में पड़ा बड़ी देर तक अपने ख्याली घोड़े दौडाते रहा लेकिन उसके ख्याली घोड़े किसी मंजिल तक
Read Moreबड़ी देर तक राहुल के कानों में मोहन के कहे शब्द गुंजते रहे ‘ ………..ये क्या करना चाह रहे हैं
Read Moreविनोद स्नानादि से निबट कर हॉल में पहुंचा तब तक घडी की सुई दस बजे दिखा रही थी । काफी
Read Moreथोड़ी देर की चुप्पी के बाद असलम भाई ने कहना जारी रखा ,” जिस तरह से हर काम धंधे के
Read Moreमन ही मन लगभग अपने आपको धिक्कारता हुआ राहुल उन तीनों के साथ चला जा रहा था । तीनों कुलांचे
Read Moreबड़ी देर तक विनोद के पिताजी उसकी माँ के सामने उसके बारे में अनाप शनाप बयानबाजी करते रहे ।
Read Moreविजय ने कहना जारी रखा ” हाँ ! असलम भाई नाम है उनका लेकिन लोग उनको ‘ भाई ‘ कहकर
Read Moreसिपाही का झन्नाटेदार थप्पड़ विजय के लिए अप्रत्याशित ही था । उसकी आँखों के सामने तारे नाच उठे । एक
Read More” लेकिन भाई ! वह मोटर तो बहुत बड़ा होगा न ? फिर हम लोग उसको कैसे उठा पाएंगे ?
Read Moreथोड़ी देर तक चारों सड़क के किनारे बने उस छोटे से खड्डे में दुबके पड़े रहे । पुलीस की जीप
Read More