कुंडलिया छंद : तुलसी
तुलसी आँगन में रहें, सदा करे कल्याण दूध पूत स्वस्थ रहें , रोग करे प्रयाण रोग करे प्रयाण, सुन्दर चेहरा
Read Moreतुलसी आँगन में रहें, सदा करे कल्याण दूध पूत स्वस्थ रहें , रोग करे प्रयाण रोग करे प्रयाण, सुन्दर चेहरा
Read Moreबजता डंका झूठ का, सत्य खड़ा है मौन । मिथ्या का सम्मान पर, सत्य पूजता कौन । सत्य पूजता कौन
Read Moreगर्व सखा कर देश पर, मतरख वृथा विचार माटी सबकी एक है, क्यों खोदें पहार क्यों खोदें पहार, कांकरा इतर
Read Moreऊपर के चित्र पर आधारित कुंडलिया छंद माँ बसंत मैं देख लूँ, आई तेरी कोख देख पतझड़ आयगा, नवतरु पल्लव शोख़
Read Moreआज का छंद है मत्तगयंद/मालती सवैया 211 211 211 211 211 211 211 22 मोहन मान बिना कब आवत नाचत
Read Moreनमामि वंदना गुरु— ============================ पंच चामर छ्न्द ========================== मापनी =१२ १२ १२ १२ – १२ १२ १२ १२ ================================ नमामि
Read Moreमनहरण घनाक्षरी छंद 1. छाये रहे घनश्याम, आये नहीं घनश्याम जाने किस ओर गये, जाने कहाँ बरसे अमिय प्रेम सागर,
Read Moreपञ्च-चामर छन्द में लघु -दीर्घ [१२ x ८ =24] होते हैं, सोलह १६ वर्ण यति ८, ८ होता है मापनी=12
Read Moreताटंक छंद—-१६ +१४=३० मात्रा के गाल अंत २२२ मगण से होता है वैलेंटाइन ड़े दुनियाँ मे – प्रेम तरंग उठाया
Read Moreनयनों में प्यास लिए, मुख मृदु हास लिए चहकत झूम झूम जैसे हो कजरिया । मधुमाती अबला सी, रसवंती सबला
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