ताजी कुंडलिया
कृष्ण-सुदामा की तरह, मिले नहीं अब मीत। झूठ-मूठ बस स्वार्थवश, करते दिखते प्रीत। करते दिखते प्रीत, जेब जो होती भारी।
Read Moreकृष्ण-सुदामा की तरह, मिले नहीं अब मीत। झूठ-मूठ बस स्वार्थवश, करते दिखते प्रीत। करते दिखते प्रीत, जेब जो होती भारी।
Read Moreलमो-लमो करने लगा, पूरा भारत देश। लेकिन वो आते नहीं, जाकर बसे विदेश। जाकर बसे विदेश, न जाने डर किसका।
Read Moreअपने यू.पी. की पुलिस, बहुतै तेज तरार। चोरों की खटिया खड़ी, खोने लगा करार। खोने लगा करार, चुराना भैँसे भूले।
Read Moreजिसने झेली दासता , उसको ही पहचान । कितनी पीड़ा झेलकर , कटते हैं दिनमान ।। कटते हैं दिनमान ,
Read Moreहास्य व्यंग का हर कवि पहलवान श्रीमान । शब्दों का मुगदर बना द्वंद्व करे बलवान । द्वंद्व करे बलवान कि
Read Moreफर्जी डिग्री ले किया, काम बड़ा ही खास। पता हकीकत अब चली, हुआ जो पर्दाफाश। हुआ जो पर्दाफाश, ‘आप’ का
Read Moreदुनिया जबसे कर रही मोदी मोदी जाप। सभी विरोधी पार्टियों के लोटें दिल पे सांप। लोटें दिल पे सांप कांग्रेस
Read Moreदिन ने खोले नयन जब , बड़ा विकट था हाल , पवन, पुष्प, तरु, ताल, भू , सबके सब बेहाल
Read Moreलालू औ’ नीतीश कर, गठबंधन स्वीकार। लगता ऐसा चाहते, करे विकास बिहार। करे विकास बिहार, चले या दाँव चुनावी।
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