पांच हाइकु:-
पांच हाइकु:- 01- वाणी है तीव्र श्रवणेन्द्रियां मौन समझे कौन। 02- कहती धरा गूंजता है आकाश वह बहरे। 03ः- कल्पना
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Read Moreकलम बर्फ कागज है कोहरा ओस विशेष अंबर धरा कोहरा बर्फ धुंध प्रकृति कृति अंबर धरा कोहरा बर्फ
Read More1) पवित्र मन निष्कपट है भाव वाल्य अवस्था 2) उड़ता फिरे बालपन बहुत चंचल बन 3) न कोई चिंता बालपन
Read Moreहाइकु सुहागन कर श्रंगार सजती सुहागन पूजे है चाँद व्रत चौथ का अखंड सुहागन है ये अरमां लम्बी हो उम्र
Read Moreअथाह प्रेम लाख चाहा मगर फिर भी तन्हा काँटों से भरी है ये प्रेम डगर दुविधा में हूँ छायी बदरी
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