दौर
महाकवि नीरज जी को दिल से नमन 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 वो दौर भी अजीब था , खिले खिले थे फूल से
Read Moreआगे सरका जा रहा, समय बहुत ही तेज। पीछे-पीछे भागते, होकर हम निस्तेज॥ होकर हम निस्तेज, कहाँ थे कहाँ पधारे।
Read Moreभारत माता रक्त माँगती ,है अपने वीर जवानों से । हे वीरो तलवार निकालो, अब अपने मयानो से ।। बहुत
Read Moreकविता – १ हिन्दी हमारी भाषा है यह राष्ट्रगीत की भाषा है यह राष्ट्र प्रेम की भाषा है लिखनी हो
Read Moreवे वीर हमारी थाती हैं, जो आजादी के शैदाई, जो आजादी-हित तड़पे थे, थी खून में जिनके गर्माई. कुछ जाने
Read Moreवसुन्धरा पुकारती है वीर तुम कहाँ खड़े। वक्ष चीरने को धूर्त पुत्र है यहाँ खड़े।। दुष्ट वंश वेलियाँ हैं यहाँ
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