काजल के बहाने
बहुत बार संवारा इसे मगर मेरी अंख़ियों से काजल बह-बह जाए चले आओ वहीं से लौट कर कि मेरा काजल
Read Moreबहुत बार संवारा इसे मगर मेरी अंख़ियों से काजल बह-बह जाए चले आओ वहीं से लौट कर कि मेरा काजल
Read Moreतुमने ही तो मुझे बुलाया यहॉ मैं दौडी चली आई तुम्हारे पद चिन्हो के सहारे जो इसी रास्ते कभी तुम
Read Moreतुम्हारा भी उतना ही आसमां है जितना कि मेरे पास है फिर तुम खुशी से झूमते हो क्यूँ और मेरा
Read Moreकहाँ खो गई हो इस नभ में। कहा चली हो इस जीवन में। दीख जा तारों के के बीच में।
Read Moreकिसी विचारधारा का पनपना निर्भर करता है बहुत हद तक किसी व्यक्ति विशेष की परवरिश और आस – पास के
Read Moreयह देश प्रेम की हाला कैसी होती है, पीने वाले को होश कहाँ रह जाता है, माँ बाप बहन भाई
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