कविता
टीस सी उठती है दिल मे हाय! मैंने ये क्या कर दिया प्रेम को अपने ही हाथो दान मैंने कर
Read Moreउम्मीद लगाये बैठे हैं, आकर निगाहों में बस जा। समा जलाये बैठे हैं,आकर दिलों में जगह बना जा। अपने प्रकाशपुंज
Read Moreवो रात दूसरी थी ये दिन दूसरा है वो बात दूसरी थी ये राज दूसरा है सतर्क रहने की कोशिश
Read Moreमन उद्वेलित है नींद नहीं अब आती है, उन बीर शहीदों की ही याद सताती है, बलिदान हो गए आज
Read Moreइशारों से जब दिल की बात बताए लोग कहते है ये अदाओं का जमाना है परिंदे ने जब प्रेम -पंख
Read Moreभीख में तूझसे मांग रही हूं सबका जीवन दान बनी भिखारन तेरे दर पे दया करो घन श्याम । गरज-गरज
Read Moreकश्ती भी नहीं बदली, बदला नहीं दरिया। जज्बा भी नहीं बदला, हम डुबते रहे यहाँ। बने रहे मुसाफिर, हम सदा
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