बालकविता “मेरा बस्ता कितना भारी।”
“छोटा बस्ता हो आराम” मेरा बस्ता कितना भारी। बोझ उठाना है लाचारी।। मेरा तो नन्हा सा मन है। छोटी बुद्धि
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Read Moreएक दिन दादा जी गये बाजार वहॉ से लाये तोते चार साथ मे दो पिंजडा लाये घर ला कर मुझे
Read Moreमेरी गैया बड़ी निराली, सीधी-सादी, भोली-भाली। सुबह हुई काली रम्भाई, मेरा दूध निकालो भाई। हरी घास खाने को लाना, उसमें
Read Moreमन को बहुत लुभाने वाली, तितली रानी कितनी सुन्दर। भरा हुआ इसके पंखों में, रंगों का है एक समन्दर।। उपवन
Read Moreचिड़िया रानी फुदक-फुदक कर, मीठा राग सुनाती हो। आनन-फानन में उड़ करके, आसमान तक जाती हो।। मेरे अगर पंख होते
Read Moreमुश्किल हैं विज्ञान, गणित, हिन्दी ने बहुत सताया है। अंग्रेजी की देख जटिलता, मेरा मन घबराया है।। भूगोल और इतिहास
Read Moreजागो भैया अभी समय है, वर्ना तुम भी जी न सकोगे। गंगा का पानी दूषित है, गंगाजल तुम पी न
Read Moreसूरज दादा कहाँ गए तुम, काह ईद का चाँद भए तुम। घना अँधेरा, काला – काला, दिन निकला पर
Read Moreघर घर में खुशियाँ लाया मीठे मीठे पकवान और रंग बिरंगे तारे लाया क्रिसमस आया क्रिसमस आया गुब्बारे संग तितलियाँ
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