बाल कविता – आओ दीपावली मनाएँ
घर – घर में खुशियाँ फैलाएं आओ दीपावली मनाएं. सारी दुनिया जगमग कर दें, घर – आँगन में खुशियाँ भर
Read Moreघर – घर में खुशियाँ फैलाएं आओ दीपावली मनाएं. सारी दुनिया जगमग कर दें, घर – आँगन में खुशियाँ भर
Read Moreदादी बूढी दादा बूढे दोनो के अब डंडे सहारे नानी बूढी नाना बूढे दोनो के ऑखो पर चश्मा लगे मै
Read Moreबालक-से सूरज अलबेले, सुबह तो लगते बिल्कुल भोले । जेठ-दुपहरी की वेला में, बरसाते हैं आग के गोले ॥
Read Moreआओ भारत स्वच्छ बनाएं, स्वच्छ देश अभियान चलाएं. इधर – उधर मत फेंके कचरा, सही जगह उसको निपटाएँ. घर आँगन
Read Moreसमय बहुत ही है अनमोल देता अनगिन रस्ते खोल समय की सीमा को पहचानो कभी न गर्व से बोलो बोल
Read Moreऐसा मेरे सपनों का भारत होगा | सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे, देश का ऊँचा नाम करेंगे, जहाँ न कोई छोटा
Read Moreपांच साल का नन्हा बालक, प्यार सभीका पाता था। नाम भी उसका अनुराग था, सबसे प्रेम निभाता था॥ यों तो
Read Moreपानी जीवनदाता है खेती खूब कराता है पानी पी हम प्यास बुझाते पानी से बर्तन मंजवाते कपड़े धोते पानी से
Read Moreनन्हे-नन्हे प्यारे-प्यारे माँ के नयन के तारे बच्चे मधुर मधुर मुस्कान लिए नित घुलमिल जाते प्यारे बच्चे तपती धूप मे
Read More