बाल कवितायेँ -३
आम मेरे घर में पेड़ आम के ठंडी हवा बिखेरे शाम से। आम पके हैं डाली डाली उस पर कोयल
Read Moreआम मेरे घर में पेड़ आम के ठंडी हवा बिखेरे शाम से। आम पके हैं डाली डाली उस पर कोयल
Read Moreतितली तितली रानी तितली रानी बगिया की तुम हो महरानी। रंग बिरंगे पंख तुम्हारे देख उन्हें होती हैरानी। पवन संग
Read Moreसूरज पूरब की खिड़की से झांका लाल लाल सूरज का गोला । हुआ सवेरा आंखे खोलो चिड़िया बोली मुर्गा
Read Moreफूलों से सीखो हमने मुस्कुराना काँटो से सीखो साथ निभाना नदियों से सीखो चलते जाना झरनों से सीखो गुनगुनाना चिडिया
Read Moreचॉद ने चॉदनी बिखेरी मुन्ना मुन्नी को नानी याद आई मुन्नी बोली मैं नानी की कहानी सुनुँगी मुन्ना बोला मै
Read Moreआसमान में सूरज-चंदा और सितारे हैं देखो-देखो दोस्त हमारे कितने सारे हैं एक बार भी कभी किसी ने हमें नहीं
Read Moreपेड़ हमारे सच्चे साथी, माता – पिता गुरु जैसे हैं इनसे ही दुनिया मे जीवन, इनसे भी सच्चे रिश्ते हैं
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