दिवाली आ गयी
आ गयी दीपावली देखो रौशनी का त्योहार,
चलो दीप जलाके मिटा दें दुनिया का अंधकार।
आज खिलौने खरिदेंगे हम छोड़ेंगे फूलझड़ियाँ,
नये-नये कपड़े पहनेंगे खायेंगे खूब मिठाईयाँ।
सदय बिक्की आयुष ने सुंदर घरौंदा बनाया है,
अंशिका रितु आकृति ने रंगीन रंगोली सजाया है।
रंग-बिरंगे बल्बों से सजा है सबका घर-आँगन,
साफ-स्वच्छ-सुंदर लगता है चारो ओर का आवरण।
कहती है दादी इसी दिन रामजी आये थे रावण-वध कर,
अयोध्या वासी इसी खुशी में दीप जलाये थे घर-घर।
अंधेरों पर प्रकाश की जीत होती आज के दिन,
अमावश भी लगता है आज तो पूनम से रंगीन।
हम एक-दूसरे को देते हैं दीपावली की बधाई,
आशीर्वाद देने घर-घर में लक्ष्मी माता आई।
– दीपिका कुमारी दीप्ति