बाल कहानी : उपकार का फल
सोहन बहुत ही कोमल ह्रदय का प्रकृति प्रेमी बालक था। पर्वत, झरने,नदियाँ,पशु-पक्षी सब उसको बहुत पसंद थे।पर्वत से गिरते झरनों
Read Moreसोहन बहुत ही कोमल ह्रदय का प्रकृति प्रेमी बालक था। पर्वत, झरने,नदियाँ,पशु-पक्षी सब उसको बहुत पसंद थे।पर्वत से गिरते झरनों
Read Moreएक पेड़ पर एक कौवा रहता था और पास ही एक पेड़ पर एक चिड़िया का घोंसला था। कौवा बहुत शैतान
Read Moreजिस दिन से जंगल के जानवरों और पक्षियों ने सुना था कि होली आने वाली हैं सबके मन में ख़ुशी
Read Moreएक बार की बात है किसी राज्य में एक राजा था जिसका केवल एक पैर और एक आँख थी। उस राज्य में सभी
Read Moreमम्मी पापा की डांट का भी कैलाश पर असर नहीं होता था, नल खुला छोड़ देता, खूब पानी बर्बाद करता।
Read Moreआज रीना बहुत उदास थी । उसकी सभी सहेलियाँ न्यू ईयर पार्टी के लिए बाज़ार से नये कपड़े, जूते ,
Read Moreमिली अपने मम्मी-पापा की इकलौती कन्या थी. भोली सी शकल, दुबली-पतली, पर चुलबुली मिली सबकी प्यारी थी. उस की दादी
Read Moreदस वर्ष की मनु के पैर आज ख़ुशी के मारे ज़मीन पर ही नहीं पड़ रहे थे I जैसे ही
Read Moreरिंकी सात वर्ष की बहुत ही प्यारी बच्ची थी।लकिन थी बहुत चंचल व शैतान। स्वाभाव से थोड़ी स्वार्थी भी थी।
Read Moreबहुत समय पहले की बात है। दो सहेलियां थीं। एक का नाम रमा था और दूसरी का निशा था। दोनों
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