गर्ल्स हॉस्टल में रात (उपन्यास)
…….मनोमस्तिष्क में रोने, बिलखने, सिहरने, चिंघाड़ने और दहाड़ने की आवाज कई दिनों से आ रही थी. कुछ भी अच्छा नहीं
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Read Moreभूमिका कविता सिंह तथा सौरभ दीक्षित “मानस” की संयुक्त रूप की यह पहली कृति है पर ऐसा बिल्कुल भी नही
Read Moreघाट-84, रिश्तों का पोस्टमार्टम भाग-(एक) 1 “चलो कपड़े पहनते हैं अब इश्क़ पूरा हुआ…“ छी….!!!. “बस यही रह गया है
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