लघु उपन्यास – षड्यंत्र (कड़ी 11)
दुर्योधन की यह बात सुनकर सारी राजसभा सन्न रह गयी। तभी भीष्म पुनः खड़े हुए और दुर्योधन की ओर मुँह
Read Moreदुर्योधन की यह बात सुनकर सारी राजसभा सन्न रह गयी। तभी भीष्म पुनः खड़े हुए और दुर्योधन की ओर मुँह
Read Moreअगले दिन जैसे ही राजसभा की बैठक प्रारम्भ हुई, महामंत्री विदुर ने सूचित किया कि पितामह भीष्म एक विशेष विषय
Read Moreभीष्म विदुर की प्रतीक्षा ही कर रहे थे। विदुर को आया देखकर उनका मुखमंडल खिल गया। औपचारिक अभिवादन और कुशलक्षेम
Read Moreउधर गुप्तचरों द्वारा विदुर को जनभावनाओं की पूरी सूचना मिल रही थी। युधिष्ठिर की शिक्षा पूर्ण हुए एक वर्ष से
Read Moreलेकिन दुर्योधन को कुछ न कुछ राय तो देनी ही थी, इसलिए शकुनि बोला- ”भाग्नेय! अभी तो यह विषय राजसभा
Read Moreशकुनि पहले ही ज्येष्ठ कौरव राजकुमार दुर्योधन को इस बात का विश्वास दिला चुका था कि महाराज धृतराष्ट्र के बाद
Read Moreजिन दिनों महामंत्री विदुर राजकुमार युधिष्ठिर को युवराज पद के लिए गोपनीय रूप से तैयार कर रहे थे, तो दुर्योधन
Read Moreयुधिष्ठिर पहले ही समझ रहे थे कि अभी कुछ न कुछ अवश्य शेष रह गया है, जिसके लिए मुझे बुलाया
Read Moreअपने निवास पर पहुँचने के बाद महामंत्री विदुर ने राजकुमार युधिष्ठिर को बुलावा भेज दिया। संदेश पाकर युधिष्ठिर तत्काल वहाँ
Read Moreअब समय आ गया था कि ज्येष्ठ राजकुमार युधिष्ठिर का युवराज पद पर अभिषेक कर दिया जाये, ताकि अधिकांश राज
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