ममता की परीक्षा ( भाग -27 )
ममता की परीक्षा ( भाग – 27 ) जमनादास के बंगले से निकलकर गोपाल और साधना एक बार फिर सड़क
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Read Moreबसंती कुछ देर तक चुल्हे के नजदीक बैठी रही और फिर चुल्हे पर रखी सब्जी के पक जाने का
Read Moreममता की परीक्षा ( भाग -25 ) ” बेटा ! तुम समझ नहीं रहे हो । मैं तो तुम्हारी खुशियाँ
Read Moreजमनादास को उसके बंगले के सामने उतारकर गोपाल ने कार अपने बंगले की तरफ बढ़ा दिया । कार बंगले
Read Moreममता की परीक्षा ( भाग – 23 ) बस सुजानपुर पहुँच चुकी थी । गांव के चौराहे पर पहुँच कर
Read Moreकुछ देर बाद तीनों शहर में एक चौराहे के नजदीक एक रेस्टोरेंट में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे
Read Moreगोपाल वहीं खड़ा साधना को तब तक देखता रहा जब तक वह कॉलेज की ईमारत में घुस कर उसकी
Read Moreअमर की बस को चले हुए लगभग आधा घंटा हो चुका था । बस के बारे में बिना कोई पूछताछ
Read Moreडॉक्टर सुमन की केबिन से बाहर आकर जमनादास उसी बेंच पर बैठ गए । उन्होंने जानबूझकर किसी को खबर नहीं
Read Moreकॉलेज के पार्किंग में पहुंचकर कार एक झटके से रुकी और यहां अस्पताल के बेंच पर बैठे जमनादास अचानक चौंक
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