मतगयंत सवैया – होली विशेष
राग लिये अनुराग हि फागुन में फगवा अब गाय रही है डाल गुलाल कलाधर पे वृषभानु किशोरि रिझाय रही है
Read Moreराग लिये अनुराग हि फागुन में फगवा अब गाय रही है डाल गुलाल कलाधर पे वृषभानु किशोरि रिझाय रही है
Read Moreग्वाल बाल नंदलाल, ताल से मिला के ताल करते धमाल हैं गुलाल और रंग में छोरिया अहिर की पे ढंग
Read Moreबना कर पकवान, गरीबों को करो दान, भूख से न जाये जान, भारत महान है । पकवान बनाकर, अपना भी
Read Moreहोकर मानव भूल गए तुम मान महान विचार बनाये। रावण दानव जन्म लियो नहिं बालक पंडित ज्ञान बढ़ाये।। अर्जुन नाहक
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