कुंडलिया
कुल्हण की रबड़ी सखे, और महकती चाय। दूध मलाई मारि के, चखना चुस्की हाय।। चखना चुस्की हाय, बहुत रसदार कड़ाही।
Read Moreकुंडलियाँ छ्न्द…. नेकी करना हो गया, बहुत बड़ा अभिशाप। इस कलियुग में है नही, इससे बढ़कर पाप। इससे बढ़कर पाप,
Read Moreप्रीत मिलन की याद सतावे दे दो दर्शन प्यास बुझावे उनके बिन कुछ भी न भाता ए सखि साजन? ना
Read Moreकृष्णा संग बसे राधा बिन श्याम सब आधा मन बसे रूप सादा ये ही सच्ची प्रीत है। श्याम जब से
Read More#जिद्दी_लल्ला….😊 रूठ गयो है कान्हा मेरो थकी मना महतारी। माखन मिस्री से न माने लगी बुरी लत भारी। जिद कर
Read Moreआजादी को देश की, बीते कितने साल वीरों के बलिदान से, हुई धरा ये लाल हुई धरा ये लाल, दर्द
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