दोहे
विविध सुबह-सुबह यमराज जी, पहुँचे शनि के द्वार।हाथ जोड़ कहने लगे, सुनिए प्रभु पुकार।। प्यार बाँटते ही रहो, कुंठा रखकर
Read Moreतिरंगा जग में हमको दे रहा, भारत की पहचान।बसा तिरंगा प्राण में, यही देश की जान।इसको हम कर नमन ,
Read More(1)फागुन के द्वार पे खङा क्वांरा वसंत हैसरसों के पीत रंग सा न्यारा वसंत हैममता से ओत-प्रोत है वात्सल्य से
Read Moreदोहा -कहें सुधीर कविराय धार्मिक नमन करूँ माँ शारदे, आप करो स्वीकार।शीश झुका विनती करूँ, कर दो मम उद्धार।। हनुमत
Read Moreमहाकुंभ में भीड़ का, अद्भुत पावन रंग।देख देख सब हो रहे, और हो रहे दंग।।सत्य सनातन धर्म का, दिखता रूप
Read More****** लगाव ********* अब लगाव दिखता कहाँ, अपने अपनों बीच। ठना कुटुंबी रार है, होती खीचम-खींच।। हम लगाव की बात
Read Moreसहारा /सहारे राम सहारे हम रहें, रामहि पर विश्वास।और नहीं अब किसी से, बची हमारी आस।।भटक भटक कर थक गया,
Read Moreगली-गली दिखने लगे, नेताओं के झुंड ।गिन तो तुम सकते नहीं, कहो चुनावी मुंड।। नेताओं के फिर बजे, चिकने थोथे
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