हरिगीतिका छन्द वंदना
विनती सुनो प्रभु पातकी की ,भय क्षरण मम कीजिये । निष्काम मेरी प्रार्थना प्रभु ,रख पगों में लीजिये । तुलसी
Read Moreविनती सुनो प्रभु पातकी की ,भय क्षरण मम कीजिये । निष्काम मेरी प्रार्थना प्रभु ,रख पगों में लीजिये । तुलसी
Read Moreशिवरात्रि पर विशेष भजन-1. मेरे शिवशंकर की महिमा अपरम्पार जो शिव का स्मरण करते हैं, उनका बेड़ा पार-मेरे शिवशंकर की————–
Read Moreडम डम डम शिव डमरू बाजे, तीन लोक करते जयकार । पार्वती के प्रीतम प्यारे , जग के हो
Read Moreशिवरात्रि पर विशेष गाए जा, गाए जा, गाए जा, तू गीत प्रभु के गाए जा बनाए जा, बनाए जा, बनाए
Read Moreजगत के पालनहारी जय जय जय भोले भंडारी। ललाट चंद्र, जटा गंग मुख तेज, नेत्र त्रिअंग हाथ त्रिशूल डमरू मृगछाल
Read Moreअखिलेश्वरी, भुवनेश्वरी, सर्वेश्वरी माँ शारदे सम्बल हमें दे लेखनी का ज्ञान का आधार दे हे शुभ्र वसना तू सदा रहना
Read Moreहम अज्ञानी और अल्प बुद्धि है, मां शारदे इतना उपकार करो। हम सब के अन्तर्मन में, झंकृत वीणा तार करो।
Read Moreउनकी ही तो अनुकंपा से चलता है संसार महिमाशाली छठ मईया की महिमा अपरम्पार कार्तिक माह में मईया जी आती
Read Moreस्नेह दे माँ शारदे, स्नेह दे माँ शारदे | अज्ञान शिशु स्वर साधना दे,शब्दो में आशीष भर दे | भाव
Read Moreमन में हो उदासी तो ,खुशियों के दीप नहीं जलते हो पूनम की रात, तो अंधकार नहीं रुकते आज धरा
Read More