बाल कहानी : मटके का पानी
रूपाली और दिनेश को अपने घर की ओर आते देख कर भारती समझ गयी कि वे दोनों प्रदीप के घर
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Read Moreएक टीचर ने क्लास के सभी बच्चों को एक-एक स्वादिष्ट टॉफ़ी दी और फिर एक अजीब बात कही* सुनो, बच्चो
Read Moreपरियों की रानी सुहासिनी नाम की तरह ही कोमल, मृदुल, हंसमुख थी। अपनी मृदुल वाणी से सबकी चहेती। आज रानी
Read Moreइस बार ओड़गाँव के गाँधीपारा के बच्चों को होली का बेसब्री से इंतजार था। सबने होली मनाने की बात अपने-अपने
Read More“अनूप तुम तो बहुत होशियार हो, आज मैं शाम को 5 बजे तुम्हारे घर तुमसे कुछ सवाल सीखने आऊंगा.” विनीत
Read Moreयशु सुबह उठा। दौड़ते हुए बाथरूम गया। वापस आया। देखा, मम्मी किचन में व्यस्त है। गरम-गरम रोटियाँ सेंक रही है।
Read Moreशिशिर नदी के किनारे बैठा था। आज उसका मन हमेशा की तरह बहुत विचलित था। थोड़ी देर बाद उसे एक
Read Moreजैसे भी करके नन्हा कुणाल टेबल को सरकाते हुए दीवार तक ले गया। टेबल पर चढ़ा। गौरैये के घोंसले तक
Read Moreमाँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वाह! मैदान भी हरा–भरा है। एक मुर्गी का बच्चा चीनू उछलते हुए अपनी
Read Moreइस बार सावन महीने में खूब बारिश हुई। लगातार तेरह दिनों तक सूरज के दर्शन नसीब नहीं हुए। अत्यधिक बारिश
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