दंड में छिपा दुलार
दिव्या, हीरा ,आभा , तीनों मित्र थीं। साथ साथ पढ़ती खेलती ।एक नहीं आती तो दूसरी उसे बुलाने पहुंच जाती।
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Read Moreसुबह के 9 बजे हिंदी अध्यापिका ने ऑनलाइन कक्षा में प्रवेश किया बच्चे जोश भरी आवाज़ में एकदम बोले –
Read Moreटॉबी का नाम यूं तो मोहित था मगर उसे सारे लोग टॉबी कहकर बुलाते थे।टॉबी को ये बात बिल्कुल भी
Read Moreअर्द्धवार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ चुकी थी, परंतु मयंक अपनी पढ़ाई को छोड़ मोबाइल व लैपटॉप पर गेम खेलने में
Read Moreदोपहर का समय था। बच्चे स्कूल के मैदान पर लंच कर रहे थे। बच्चों के ही पास अध्यापक सुभाष यदु
Read Moreडाइनिंग टेबिल पर बहार रमेश को बचपन से ही हमेशा अपने पिताजी से शिकायत रहती थी. कारण भी कोई विशेष
Read Moreनीली-नीली गिरिश्रृंखलाओं , हरे-भरे वृक्षों , टेढ़ी-मेढ़ी राहों से घिरे गोड़ आदिवासी बाहुल्य एक छोटा सा गाँव है चितनार। धान
Read Moreबड़ा या छोटा सभी के चेहरे पर चिन्ता की रेखाएं थी फिर गुरू जी तो कई जिम्मेदारियों को एक साथ
Read Moreपांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला राहुल बहुत ही समझदार बच्चा था। रोज़ की भांति जैसे ही वह स्कूल से निकला,
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