“छुक-छुक करती आती रेल”
धक्का-मुक्की रेलम-पेल। आयी रेल-आयी रेल।। इंजन चलता सबसे आगे। पीछे -पीछे डिब्बे भागे।। हार्न बजाता, धुआँ छोड़ता। पटरी पर यह
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Read Moreधूप और बारिश से, जो हमको हैं सदा बचाते। छाया देने वाले ही तो, कहलाए जाते हैं छाते।। आसमान में
Read More14 नवम्बर, बाल दिवस, बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू का जन्म-दिवस, देवम के स्कूल में बड़ी धूमधाम के साथ
Read Moreप्रिय बच्चो, जय हिंदी, जय भारत, कविता लिखना सीखने के इस क्रम में हम आपको अनेक विषयों पर कविता लिखना
Read Moreचंदा के घर जाऊंगा किसी को नही ले जाऊंगा खूब मजे उड़ाऊंगा गगन घूमके आऊंगा चंदा संग सो जाऊंगा सूरज
Read Moreछूमन्तर मैं कहूँ और फिर, जो चाहूँ बन जाऊँ। काश, कभी पाशा अंकल सा, जादू मैं कर पाऊँ।
Read Moreबालदर्शन मासिक कानपुर मे नवम्बर 1991 में छपा प्रथम बालगीत फूलों पर मंडराती तितली चंचल पंख हिलाती तितली डाल-डाल पर
Read Moreबादल मचा रहे हैं शोर। नाच रहा जंगल में मोर।। बहुत डराते काले बादल। लेकिन मोर हुए हैं पागल। बदरा
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