गृहस्थ जीवन की उन्नति के 16 स्वर्णिम सूत्र
ओ३म् मनुष्य के वैदिक जीवन के चार सोपान है ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ एवं संन्यास आश्रम। ब्रह्मचर्य आश्रम का काल आरम्भ
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Read Moreओ३म् वैदिक धर्म के स्त्रियोचित व क्षत्राणियों के सभी गुणों से पूर्णतया सम्पन्न मातृस्वरूपा महारानी लक्ष्मीबाई जी का आज 19
Read Moreओ३म् विनम्रता से यह लिख रहे हैं कि हमने सन् 1994 में स्थानीय आर्यसमाज में गुटबाजी के कारण उससे अवकाश
Read Moreओ३म् ‘गऊ माता विश्व की प्राणदाता’ पुस्तक पर आधारित लेख मेहता जैमिनी आर्य समाज के शीर्षस्थ विद्वानों में से एक
Read Moreओ३म् प्रतिदिन प्रातः व सायं सूर्योदय व सूर्यास्त होता हैं। यह किसके ज्ञान व शक्ति से होता है? उसे जानकर
Read Moreओ३म् ईश्वर को क्यों माने? यह प्रश्न किसी भी मननशील मनुष्य के मस्तिष्क में आ सकता है। वह अपनी बुद्धि
Read Moreओ३म् हम जिस संसार में रहते हैं वह हमें बना बनाया मिला है। हमारे जन्म से पूर्व इस संसार में
Read Moreओ३म् हम कोई भी काम करते हैं तो उसमें विद्या अथवा ज्ञान का प्रयोग करना अनिवार्य होता है। अज्ञानी व्यक्ति
Read Moreओ३म् वैदिक संस्कृति को पर्व प्रधान संस्कति कहा जा सकता है। इसमें जितने पर्व कल्पित किए गये उतने सम्भवतः
Read Moreवेद के अनेक मंत्रों में गोदुग्ध से शरीर को शुद्ध, बलिष्ठ और कान्तिमान् बनाने का वर्णन मिलता है। इससे सिद्ध
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