मूर्तिपूजा और महर्षि दयानन्द
ओ३म् हमारा देश अनेक मत-मतान्तरों का देश है। प्रायः सभी मत ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं परन्तु आश्चर्य
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Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द संसार में सम्भवतः ऐसे पहले धार्मिक महापुरूष हुए हैं जिन्होंने ईश्वरीय ज्ञान वेदों का प्रचार करने के
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने जिस शिक्षा पद्धति का समर्थन किया है वह गुरूकुल शिक्षा पद्धति है। महर्षि दयानन्द सुसंस्कारों व
Read Moreओ३म् संसार में धर्म व संस्कृति का आरम्भ वेद एवं वेद की शिक्षाओं से हुआ है। लगभग 2 अरब वर्ष
Read Moreओ३म् सृष्टि का आधार कर्म है। ईश्वर, जीवात्मा एवं प्रकृति तीन अनादि, नित्य और अविनाशी सत्तायें हैं। सृष्टि प्रवाह से
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द न केवल वेदों एवं वैदिक साहित्य के विद्वान थे अपितु उन्हें पुराणों सहित सभी अवैदिक धार्मिक ग्रन्थों
Read Moreओ३म् ईश्वर किसे कहते हैं। ईश्वर इस संसार वा ब्रह्माण्ड को बनाने वाली सत्ता को कहते हैं। वही सत्ता इस
Read Moreक्या कभी आपने इस विषय पर कहीं भी, कभी भी कोई डिबेट या विश्व स्तरीय चर्चा आदि होते देखा या
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द वेदों के अनुपम विद्वान और समाज सुधारक थे। वेद ईश्वरीय ज्ञान है और धर्म-कर्म की दृष्टि से
Read Moreओ३म् संसार से सबसे प्राचीन ग्रन्थ वेद हैं। वेद सभी सत्य विद्याओं की पुस्तकें हैं। वेदों में तृण से लेकर
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