महर्षि दयानन्द की अध्ययन-अध्यापन संबंधी कुछ उत्तम शिक्षायें
ओ३म् महर्षि दयानन्द वेदों के अनुपम विद्वान और समाज सुधारक थे। वेद ईश्वरीय ज्ञान है और धर्म-कर्म की दृष्टि से
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Read Moreओ३म् संसार से सबसे प्राचीन ग्रन्थ वेद हैं। वेद सभी सत्य विद्याओं की पुस्तकें हैं। वेदों में तृण से लेकर
Read Moreओ३म् मनुष्य जीवन का उद्देश्य सत्कर्म करके धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति है। इस पुरूषार्थ चतुष्टय में मोक्ष
Read Moreओ३म् क्या संसार में ईश्वर जैसी कोई सर्वव्यापक व सर्वशक्तिमान चेतन सत्ता है? यदि है तो वह प्रत्यक्ष दिखाई क्यों
Read Moreओ३म् रामायण में गोतम-अहिल्या का एक प्रसंग आता है जिसमें कहा गया है कि राजा इन्द्र ने गोतम की पत्नी
Read Moreओ३म् कुछ दिन पूर्व हम वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में सत्संग में बैठे हुए आर्य विद्वान श्री उमेश चन्द्र
Read Moreओ३म् हम संसार में जन्मे हैं। हमें मनुष्य कहा जाता है। मनुष्य शब्द का अर्थ मनन व चिन्तन करने वाला
Read Moreमहात्मा प्रभु आश्रित जी आर्यसमाज के उच्च कोटि के साधक व वैदिक विचारधारा मुख्यतः यज्ञादि के प्रचारक थे। उनका जन्म
Read Moreओ३म् वेदाध्ययन से जीवन का कल्याण वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेद ईश्वर प्रदत्त होने के कारण
Read Moreओ३म् वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के ग्रीष्मोत्सव का समापन वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून का पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव रविवार
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