धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मनुष्य जीवन की सफलता के लिए वेदों की शरण लेना आवश्यक

ओ३म्   मनुष्य जीवन संसार की सभी जीव योनियों में सर्वश्रेष्ठ है जिसे निर्विवाद रुप से सभी स्वीकार करते हैं।

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मसामाजिकस्वास्थ्य

मूक पशु भैंसों की हत्या रोकने पर महर्षि दयानन्द और उदयपुर नरेश महाराणा सज्जन सिंह के बीच वार्तालाप और उसका शुभ परिणाम

ओ३म् स्वामी दयानन्द जी सितम्बर, 1882 में मेवाड़ उदयपुर के महाराजा महाराणा सज्जन सिंह के अतिथि थे। नवरात्र के अवसर

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

धर्म विषयक सत्य व यथार्थ ज्ञान को ग्रहण करना व कराना कठिन कार्य है

ओ३म्   महर्षि दयानन्द ने आर्य समाज का चतुर्थ नियम यह बनाया है कि ‘सत्य के ग्रहण करने और असत्य

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अन्य लेखधर्म-संस्कृति-अध्यात्म

गोरक्षा-आन्दोलन और गोपालन का महत्व

ओ३म्   आर्य विद्वान और नेता लौह पुरूष पं. नरेन्द्र जी, हैदराबाद की आत्मकथा ‘जीवन की धूप–छांव’ से गोरक्षा आन्दोलन

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

संसार के सभी मनुष्यों का धर्म क्या एक नहीं है?

ओ३म्     संसार में सम्प्रति अनेक मत-मतान्तर फैले हुए हैं जिनकी अनेक मान्यतायें समान, कुछ भिन्न व कुछ एक

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भारतीय बौद्धिक संपदा को छीनने की कोशिश रावण के अंत की मुख्य वज़ह थी…?

एक  था रावण बहुत बड़ा प्रतापी यशस्वी राज़ा, विश्व को ही नहीं अन्य ग्रहों तक विस्तारित उसका साम्राज्य वयं-रक्षाम का उदघोष करता . यह

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दीपावली पर विशेष लेख

ज्योति पर्व ‘दीवाली’ भारत का एक प्रमुख उत्सव है। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ से प्रेरित ‘बहुजन सुखाय’ की आत्म ज्योति प्रज्वलित

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विजयादशमी पर्व पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्श जीवन के अनुरूप स्वयं को बनाने का व्रत लें

ओ३म् विजयादशमी पर्व से हमारे पूर्वजों व देशवासियों ने मर्यादा पुरूषोत्तम श्री रामचन्द्र जी के आदर्श जीवन व उनके कृतित्व

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अज्ञान और अंधविश्वास आध्यात्मिक उन्नति में बाधक

ओ३म् मनुष्य के जीवन का उद्देश्य सांसारिक एवं आध्यात्मिक उन्नति करना है। यदि कोई मनुष्य आध्यात्मिक उन्नति की उपेक्षा कर

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महर्षि दयानन्द, सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज मुझे क्यों प्रिय हैं?

ओ३म् सृष्टि के आरम्भ से लेकर अद्यावधि संसार में अनेक महापुरूष हुए हैं। उनमें से अनेकों ने अनेक ग्रन्थ लिखे

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