महाराजा सूरजमल जाट
पं० मदन मोहन मालवीय ने सन् 1932 में दिल्ली में एक भव्य मन्दिर बनवाने की सोची। जिसे हम लक्ष्मी नारायण
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Read Moreराष्ट्रपिता महात्मा गांधी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व आदर्शवादी रहा है। वे न केवल एक महान राजनीतिज्ञ, दार्शनिक, विचारक और समाज
Read More(30 नवंबर जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित) बच्चू सिंह भरतपुर रियासत के राजकुमार थे। भरतपुर के महाराजा किशन सिंह
Read Moreओ३म् हमारा यह संसार अत्यन्त विशाल है। संसार में हम पृथिवी के प्रायः सभी देशों को सम्मिलित करते हैं और
Read Moreसुबह-सुबह आखें खुलते ही सबसे पहले चाय की ही तलब लगती है। सुबह और शाम अगर चाय
Read Moreहमारा भारत महान, अपने ही देश के महान व होनहार सपूतों को उनके जीते-जी न ठीक से पहचान पाता है,
Read Moreविश्वविख्यात वैज्ञानिक/ गणितज्ञ आइंस्टीन और गौस के सिद्धांतों को चुनौती देकर प्रसिद्धि पाने वाले महान गणितज्ञ नहीं रहे। नासा में
Read Moreखलीफत-समर्थन से शुरू हुई अवसरवादी राजनीति की ही परिणति 1947 ई. का देश-विभाजन था। इस की सैद्धांतिक स्वीकृति गाँधीजी ने
Read Moreगाँधी-वाङमय को उलटें तो एक से एक आश्चर्यजनक तथ्य उभरते हैं। “संपूर्ण गाँधी वाङमय” के खण्ड 18 से 1919 ई.
Read Moreवस्तुतः जिस तरह 1919 से 1924 ई. के बीच गाँधीजी ने खलीफत, इस्लाम, तुर्क-ऑटोमन साम्राज्य, तुर्की सुलतान की ‘जरूरतें’, हिन्दू-मुस्लिम
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