महर्षि दयानन्द ने समाज सुधार का कार्य क्यों चुना?
ओ३म् महर्षि दयानन्द का व्यक्तित्व सर्वांगीण था। वह मनुष्योचित सभी गुणों से सम्पन्न आदर्श महापुरूष थे। उन्होंने परतन्त्र व अज्ञानग्रस्त
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Read Moreशुंग काल में उत्तर भारत के हिमालयीय क्षेत्रों में अनेक स्थानीय शासकों का आविर्भाव होने लगा था जो अपने कबीलाई
Read Moreभारतीय इतिहास में सर्वप्रथम स्वर्णिम मुद्राएँ प्रचलित करने का श्रेय कुषाण शासक विम कद्फिसेज़ को है| कालान्तर में उसके उत्तराधिकारियो
Read Moreसुश्रुत और चरक के बाद भारतीय चिकित्सा विज्ञान में नयी क्रांति के प्रणेता और पोषक ऊर्जा विज्ञान के जनक प्रोफेसर
Read Moreओ३म् 132 वीं जयन्ती 28 मई पर जब हम देशभक्त महापुरूषों को याद करते हैं तो उनमें से एक अग्रणीय
Read Moreभारतीय स्वाधीनता संग्राम के महानायक विनायक दामोदर सावरकर का जन्म महाराष्ट्र के नासिक जिले के भगूर ग्राम में 28 मई
Read Moreमहात्मा ज्योतिराव गोविन्दराव फूले (जन्मः 11-4-1827 व मृत्युः 28-11-1890) एक आन्दोलनकारी, चिन्तक, समाज सुधारक व लेखक थे। उन्होंने अपनी पत्नी
Read Moreकर्ण का जन्म कुन्ती को मिले एक वरदान स्वरुप हुआ था। जब वह कुँआरी थी, तब एक बार दुर्वासा ऋषि
Read Moreसन् 1920 तक भारत में प्राचीन इतिहास के नाम पर वेद पुराण ही प्रचलित थे जो मिथको, दंतकथाओं , किद्वंतीयो
Read Moreविश्व के सात प्रमुख आश्चर्यों में शामिल आगरा का ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है।
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