दिव्यांगों के आदर्श – श्री बच्चूसिंह (भाग 4)
जब माउंटबेटन भारत पहुंचा तब तक बच्चूसिंह सभी राजनीतिक विषयों पर अपना पक्ष आप रखने वाली मानसिकता में थे। आरम्भ
Read Moreजब माउंटबेटन भारत पहुंचा तब तक बच्चूसिंह सभी राजनीतिक विषयों पर अपना पक्ष आप रखने वाली मानसिकता में थे। आरम्भ
Read Moreहमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति समूचे विश्व की संस्कृतियों में सर्वश्रेष्ठ और समृद्ध संस्कृति है | भारत विश्व की सबसे पुरानी
Read Moreलोकतांत्रिक व्यवस्था को विस्तार और परिभाषित करने की आज की व्यवस्था में कोई आवश्यकता नहीं हैं। अगर लोकतंत्र सात दशक
Read Moreकई राज्यों में महिलाओं की चोटी कटने की घटना से सभी सकते में हैं ऐसे में शासन से लेकर प्रशासन
Read Moreशिक्षा का अर्थ होता है कि….. जो हमारे चरित्र का निर्माण करे, मस्तिष्क की शक्ति में वृद्धि करें, हमें सही
Read Moreसच कहना, आलोचना करना या किसी विषय पर अपनी अलग हटके राय रखना ऐसे हो गया जैसे आपने भूखे भेडियों
Read More‘निश्चित तौर पर सारे मुसलमान आतंकवादी नहीं है, लेकिन सारे आतंकवादी मुसलमान है ‘ इसको जेहन में रखकर ही सार्थक
Read Moreबीते दिनों दिवंगत हुए वैज्ञानिक प्रोफेसर यशपाल ने वर्ष 1992 में बच्चों के बस्तों के बोझ को कम करने को
Read Moreएक दिन यू ही मार्निंग वाक् कर रहा था की एक कागज़ का टुकडा मिला जिस पर लिखा था सत्तर
Read Moreजीवन की मूलभूत नैसर्गिक जरूरतों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोटी, कपड़ा और मकान होता है। जिसमें शिक्षा और कृषि का दायरा
Read More