भारत का भाषिक वैविध्य और हिंदी का वर्तमान परिदृश्य (आलेख )
स्वततंत्रता प्राप्ति के साठ वर्षों के बाद भी हिन्दी अपने संविधान प्रदत्त अधिकारों से वंचित है । अब तक तो
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Read Moreसंविधान परिषद की १२ सितम्बर १९४९ को अपराह्न में भाषा के प्रश्न पर विचार किया गया। अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने स्मरणीय
Read Moreओ३म् ईश्वर क्या है व ईश्वर किसे कहते हैं? यह एक साधारण मनुष्य का प्रश्न हो सकता है। इसका सरल
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने एक पौराणिक सनातनी परिवार में जन्म लेकर महामानव अर्थात् ऋषि व महर्षि बनने का एक महान
Read Moreओ३म् शांकर भाष्य-लोचन के लेखक पं. गंगाप्रसाद उपाध्याय पुस्तक के पहले अध्याय ‘स्वप्न की मीमांसा और उसका शांकर मत में
Read Moreओ३म् धर्म व संस्कृति की दृष्टि से भारत संसार का सबसे प्राचीन देश है। धर्म व संस्कृति में आध्यात्मिक उन्नति
Read Moreएक अंग्रेजी कहावत है- “गलती करना मानव का स्वभाव है, उसको क्षमा करना दैवीय गुण है।” क्षमा माँगने की प्रवृत्ति
Read Moreअगीत कविता विधा महाप्राण निराला से आगे मुक्त अतुकान्त छ्न्द की नवीन धारा है, जिसने सन्क्षिप्तता को धारण किया है;
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