बाल कवितामुक्तक/दोहास्वास्थ्य

लौकी

में हूँ लौकी, बड़ी अनोखी, देखो प्यारी प्यारी,
सेहत का भंडार हूँ मैं, सबसे अच्छी तरकारी !
सब्ज़ी, रायता, भूजी, पराँठे, कोफ्ते सबको भाते,
स्वाद सभी अलग अलग है, लौंज है मेरी न्यारी !
वजन घटाने में उपयोगी, स्वस्थ शरीर बनाती ,
एसिडिटी दूर करती हूँ, पेट रहे न भारी !
हृदय-विकार दूर कर देती , कोलेस्ट्रॉल घटाती ,
बाबा रामदेव कहते हैं, जूस मेरा हितकारी !
आयरन का भंडार है मुझमें, जो कि खून बढ़ाता,
जो भी मुझको खाता, उससे दूर रहे बीमारी !
बीमारों का नहीं हूँ भोजन, सबके लिए ज़रूरी,
सभी शौक से खाओ मुझको, मत दो मुझ को गारी !!

जितेन्द्र तायल

उम्र - ४२ वर्ष शिक्षा - हिंदी में एम. ए. , YMCA इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग से पोस्ट डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MBA - आई टी, प्रयाग संगीत समिति इलाहबाद से संगीत प्रभाकर I व्यवसाय से इंजीनियर हूँ किंतु बचपन से हिन्दी व संस्कृत से लगाव रहा है ! इसी कारण मैने हिन्दी से स्नातकोत्तर भी किया ! कभी कभी कुछ लिखने का प्रयास करता हूँ, कृपया आशीर्वाद प्रदान करें ! मो. +91 9818003947

2 thoughts on “लौकी

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब !

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब !

Comments are closed.