आँचलिक कथाकार हिमांशु जोशी
हालांकि आंचलिक शब्दों का प्रयोग रामवृक्ष बेनीपुरी, शिवपूजन सहाय, शैलेश मटियानी, हिमांशु जोशी जैसे साहित्यकार ने भी किये हैं, किन्तु
Read Moreहालांकि आंचलिक शब्दों का प्रयोग रामवृक्ष बेनीपुरी, शिवपूजन सहाय, शैलेश मटियानी, हिमांशु जोशी जैसे साहित्यकार ने भी किये हैं, किन्तु
Read More“साहित्य समाज का दर्पण है,” यह उक्ति सदियों से उदहारण के रूप में प्रस्तुत की जाती रही है और आज
Read Moreयूँ तो दुनिया में जितने भी रंग हैं, सब प्रकृति के अंग हैं, यही रंग जब नीलाकाश में इंद्रधनुष का
Read Moreनीरद सी. चौधुरी का देहावसान हुआ था, तब इसे अंतिम भारतीय अंग्रेज कहा गया था, वी. एस. नायपॉल भी अपने
Read Moreस्वर्णलता विश्वफूल एक सदाबहार लेखिका, कवयित्री और बिंदास कलाकार हैं. स्वतंत्रता सेनानी की पौत्री और पोस्टमैन की पुत्री स्वर्णलता भी
Read Moreश्री पंकज चौधरी की कविताएँ व्यंग्यबाण छोड़ती है । एक कविता है, शीर्षक ‘जाति भी एक संगठन है’ बड़धांसू है
Read Moreडॉ. मुसाफ़िर बैठा मेरे वरेण्य मित्र हैं, अग्रज भी । कई विषयों में एम.ए. हैं, उर्दू में भी । मेरी
Read Moreकवि और पत्रकार मित्र श्री मुसाफ़िर बैठा और श्री पंकज चौधरी के प्रसंगश: मैंने अपनी ज़िन्दगी के कई-कई वसंत-पतझड़ ‘पटना’
Read Moreलेखक /साहित्यकार का अपना कुछ नहीं होता, वो सारे संसार का होता है। ऐसे में उसकी भूमिका बड़ी नहीं विस्तृत
Read Moreराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत की न्याय-प्रणाली के बारे में ऐसी बातें कह दी हैं, जो आज तक किसी राष्ट्रपति
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