मातृभाषा में शिक्षा की वकालत – सबसे विश्वसनीय आवाज़ : प्रो. जोगा सिंह विर्क
प्रो. जोगा सिंह वास्तव में हिन्दी के योद्धा नहीं है. उनकी मातृभाषा पंजाबी है. वे मातृभाषाओं को शिक्षा का माध्यम
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Read Moreजबसे सोशल मीडिया का चलन बढ़ा है।हिन्दी लेखकों की बाढ़ सी आ गयी है ।यह एक अच्छी और सकारात्मक क्रेज
Read Moreहिंदी जासूसी उपन्यासकारों में प्रमुख स्तम्भ वेदप्रकाश शर्मा नहीं रहे। हालाँकि वे पॉकेट बुक्स व लुगदी साहित्य के पुरोधा थे,
Read Moreसमान नागरिक संहिता की भाँति भारत में ‘समान भाषा संहिता’ हो ! ये लिङ्ग, ये वचन, ये संज्ञा, ये सर्वनाम,
Read Moreसांस्कृतिक पतन के दौर में पूर्वजों को नाकाम, असफल, अयोग्य, अकर्मण्य, अप्रगतिशील और न जाने क्या- क्या कहने का चलन
Read Moreनष्ट होती जा रही कई भारतीय भाषाएं, जैसे- प्राकृत, कैथी, अवहट्ट, अपभ्रंश, पालि इत्यादि । भारत की बहुसंख्यक आबादी हिंदी
Read Moreतारीख 22 नवंबर 1999 को तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने बनफूल की प्रसिद्ध कहानी ‘हाटे बजारे’ के नाम पर
Read Moreभारत के कई हिन्दी राज्यों में हमने आपने हिन्दी साहित्य के अनगिनत रंग यानी कि विधा रूप देखे हैं,भाषा के
Read Moreमुझे आश्चर्य इस बात की है कि लेखकों से हिंदी और देवनागरी लिपि की अपेक्षा रखनेवाली एक पत्रिका ने मुझे
Read Moreउनकी पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय’ के लिये उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा काव्यकृति ‘उर्वशी’ के लिये भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार
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