रक्षाबंधन के समान दूसरा त्योहार नहीं
मिश्री के समान मीठा , मखमल के समान मुलायम । रोली – कुमकुम के समान पावन । रेशम के समान
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Read Moreओ३म् इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जन्मना वर्ण-जाति व्यवस्था से ग्रस्त
Read More15 अगस्त ! वो तारीख जिसका इतिहास भारत का बच्चा बच्चा जानता है । क्या हुआ था ? क्यों मनाया
Read Moreमेरा पहला लेख आंतरिक प्रेरणा ने लेख को मजबूर किया । जैसा कि हम जानते हैं कि फ़िल्म जगत को
Read Moreस्व-जागृति : बीती सदियों में जब इंसान सार्थक ज्ञान के सन्निकट पहुँच जाता था तो वह संसारिक झंझावातों से दूर
Read Moreसहना क्यूँ कब तक बहना ? जब तक केवल वो बहु थी कुछ नहीं रही उसकी औकात न घर की
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Read Moreढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी. गोस्वामी तुलसीदास ने बहुत पहले ही कह दिया था. रामायण में
Read Moreखुला खत देशवासियों के नाम एक ऐसा खुला खत, जो प्रत्येक भारतीय को अपनी भारतीयता से रूबरू कराकर गौरवान्वित कर
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