कवितापद्य साहित्य

भारत वर्ष: राष्ट्रीय एकता दिवस

कल दशहरा मनाया था, आज ईद मनाएँगे; कल खीर खिलाई थी, आज सिवाईयाँ खिलाएँगे; कभी गुरुपर्व, कभी क्रिसमस की बधाई

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मलेख

हमारा मनुष्य होना तभी सार्थक है यदि हमनें ईश्वर को जान लिया है

ओ३म् मनुष्य को पता नहीं कि उसका इस संसार में जन्म क्यों हुआ है? उसको कोई इस बात का ज्ञान

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सौलह कलाओं से युक्त पूर्ण चन्द्रमा की रात शरद पूर्णिमा

अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा जो कि शरद पूर्णिमा कहलाती है इसका जितना महत्व धर्मिक दृष्टि से है,

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