मिलन
बेटा, तेरी डाक मेज पर रखी है।पता नहीं यह लड़का क्यों कागज काले करता रहता है?मेरी तो कुछ भी समझ
Read Moreकितना हृदयविदारक चित्र था उस प्रदर्शनी में! इस चित्र ने दर्शकों का ही नहीं स्वयं चित्र का हृदय भी चीरकर
Read More(10 अक्टूबर ‘राष्ट्रीय डाक दिवस‘ पर विशेष) एक कहावत है – “ख़त का मजमून भाँप लेते हैं लिफाफा देखकर।” हैं साहब
Read Moreजंगल में मशीनें धड़धड़ातीं, जंगल के बीच बसी बस्ती की झोंपड़ियाँ काँप जातीं, भूख दबे पाँव बस्ती की तरफ़ थोड़ा
Read Moreभाषा संवाद में जन्म लेती है और उसी में पल बढ कर समाज में संवाद को रूप से संभव बनाती
Read Moreप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ऐतिहासिक राजनैतिक यात्रा के उन्नीस वर्ष बहुत ही सफलता के साथ पूरे कर लिये हैं
Read Moreनवरात्रि शुरू होने वाले हें,इस दौरान देवी के नो रूपों की पूजा होती है!हम नारी को भी देवी कहते हें!स्त्री
Read Moreऐे सैनिक,फौज़ी,जवान, है तेरा नितअभिनंदन। अमन-चैन का तू पैगम्बर,तेरा है अभिवंदन।। गर्मी,जाड़े,बारिश में भी,तू सच्चा सेनानी अपनी माटी की रक्षा
Read Moreअभी से सपने देखने तुमने शुरु तो कर दिए पर कल तुमको हकीकत से भी सामना करना पडेगा तब मालूम
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