अतीत
माँ ने उसे सहारा दे कर कार की पिछली सीट पर बैठा दिया और खुद उसके बगल में बैठ गयी।
Read Moreउसे सरोकार नहीं होता कश्मीर में बेघर हुए हिन्दुओ के दर्द से वो तो बस छटपटाती है अफज़ल के नाम
Read Moreमैने किया था इश्क़ कबूल करता करता हूँ मै मैने भी तोड़े थे चाँद तारे तेरे लिए ख्यालो में ही
Read Moreजसिरापुर और नसिरापुर दो गावं. इन दोनों गावं को विभाजित करके बहती हुई कल्याणी नदी. रात को जब इन गावों
Read Moreपूरा गांव उन्हें दीवाना, वहशी और पागल कहता था। पर न जाने क्यों मेरा मन कहता था युसूफ चच्चा ऐसे
Read Moreवक़्त ने मेरी बाह थाम कर मेरी हथेली पर अश्क के दो कतरे बिखेर दिए मेरे सवाल पर बोला ये
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