मेरा भाई
कदै भी पड्या मैं तनै ठाया भाई हर एक जिम्मा तनै निभाया भाई मै तो जिब कसूता ऐ डरया
Read Moreजाल बिछाया छलिया अहेरी, कहां समझ पाई मैं नन्ही कनेरी? देकर मुझे अधम ने प्रलोभन, छीन लिया मेरा उन्मुक्त गगन।
Read Moreआज मैं बड़े असमंजस में हूँ , सोचती हूँ क्या कहूँ, यही सोच रही हूँ कि हम अभावों को कैसे समझ
Read Moreनेताओं के दंश, बड़े विध्वंसक हैं. आएंगे बनके रक्षक, पर भक्षक हैं. इनकी सिर्फ कथनी-करनी ही नहीं, ये मानव हैं,
Read Moreतटस्थ सूचना निष्पक्ष विश्लेषण समय वो पीछे छूट गया दायित्वों से वचनबद्ध था चौथा स्तंभ वो टूट गया । सनसनी
Read Moreव्यतीत करना छोड़ दें जीवन जीना अब तू सीख ले । अपने जीवन काल में तू कर गुज़र कुछ ऐसा
Read Moreकलयुग के भारत की हैं बात निराली ईमानदारी यहाँ कुछ ने ही जानी। माँ-बाप की कुछ लोग कद्र नहीं करते
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