कविता

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अभी असल तो है बाकी (कविता)

जब 56 इंची सीनों ने गोलियाँ रायफलों से दागीं दहशतगर्दों के अब्बू भागे और अम्मी खौफ से काँपीं ये तो

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हल्के लोग (कविता)

हल्के लोग करते हैं सदैव हल्की ही बातें और करते हैं सबसे ये उम्मीद क़ि उनकी हल्की बातों को भारी

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