कुण्डलियाँ
(बृजभाषा में प्रथम प्रयास) गाड़ी लाडी और की, मन कूँ सदा लुभाय चाहे चोखी आपनी, पर मन मानत नाय पर
Read More(बृजभाषा में प्रथम प्रयास) गाड़ी लाडी और की, मन कूँ सदा लुभाय चाहे चोखी आपनी, पर मन मानत नाय पर
Read Moreबहुरंगी दुनिया भले , रंग भा गए तीन , बस केसरिया , सित, हरित ,रहें वंदना लीन | रहें वंदना
Read Moreदिन ने खोले नयन जब , बड़ा विकट था हाल , पवन, पुष्प, तरु, ताल, भू , सबके सब बेहाल
Read More