गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 19/12/201419/12/2014 गज़ल, जिंदगी जिंदगी, मदन मोहन सक्सेना गज़ल : जिंदगी जिंदगी तुझे पा लिया है जग पा लिया है अब दिल में समाने लगी जिंदगी है कभी गर्दिशों की कहानी Read More