गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 21/11/201421/11/2014 ग़ज़ल, दिल में दर्द जगाता क्यों हैं, मदन मोहन सक्सेना ग़ज़ल : दिल में दर्द जगाता क्यों है गर दवा नहीं है दर्द की तुझ पे दिल में दर्द जगाता क्यों है जो बीच सफर में साथ छोड़ Read More